हाथ का पंजा" मानव अंग है जिसका प्रदर्शन मतदान के दिन मतदान केंद्रों में 100 मीटर के दायरे के अंदर तक किया जाता है।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और अधिवक्ता अश्वनि उपाध्याय ने चुनाव आयोग के समक्ष यह दलील दी है कि कांग्रेस पार्टी मतदान के दिन तक अपने चुनाव चिन्ह का अनुचित रूप से प्रयोग करती है। मानव अंग होने के कारण मतदान केंद्र के 100 मीटर के अंदर भी उसका प्रदर्शन कर मतदाताओं को लुभाया जाता है।
यह सही है कि मानव शरीर के अंग विशेषकर हाथ या हाथ के पंजे का प्रदर्शन कही भी बड़ी आसानी से किया जा सकता है क्योंकि वह शरीर का भाग होने के कारण शरीर के साथ ही हर जगह जा सकता है। आजतक किसी भी पार्टी यहां तक कि स्वम भाजपा ने इसका विरोध नही किया जबकि इससे चुनाव को प्रभावित किया जाना मुमकिन के साथ आसान भी है।
आपको बता दे कि लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियां अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ती है। यह चुनाव चिन्ह पार्टियों की रीति-नीतियों को भी प्रदर्शित करता है। भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह के बारे में निम्म बाते प्रचलित है-
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में स्थापित भारतीय जनसंघ ही वर्तमान की भाजपा है। उस समय भारतीय जनसंघ का चुनाव चिह्न 'दीपक' हुआ करता था। 1977 में भारतीय जनसंघ को जनता पार्टी कहा जाने लगा और उसका चुनाव चिह्न 'हलधर किसान' हो गया। इसी पार्टी का स्वरूप 1980 में भाजपा हो गया, जिसका चुनाव चिह्न कमल का फूल निर्धारित किया गया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (भाराकां) : पंजा
1885में कांग्रेस का निशान था, हल के साथ दो बैल, उसके बाद चुनाव चिह्न बदल कर गाय-बछड़ा हुआ। वर्तमान में कांग्रेस के चुनाव चिह्न 'पंजा' का सबसे पहले इंदिरा गांधी ने इस्तेमाल किया था। इंदिरा जी ने पार्टी को नई शक्ति का संचार किया और नई कांग्रेस बनाई।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) : हाथी
चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत, बाईं ओर देखता हुआ हाथी बसपा का चुनाव चिह्न है। पार्टी, असम और सिक्किम के अलावा देशभर में इसी चुनाव चिह्न से चुनाव लड़ती है। हालाँकि वर्तमान में इन दोनों राज्यों में बसपा का कोई दखल नहीं है इसलिए असम और सिक्किम के लिए पार्टी का चुनाव चिह्न अभी निर्धारित नहीं किए गए हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) : हंसिया-हथौड़ा
माकपा का चुनाव चिह्न हंसिया-हथौड़ा है। हंसिया और हथोड़ा अर्थात खेतिहर मजदूर और कारखाने के मजदूरों का प्रतीक।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) : बाली-हंसिया
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का निशान बाली और हंसिया 1952 से अब तक उसके पास बना हुआ है। हालांकि इस पार्टी में भी टूट हुई और एक नया गुट मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी बना, जो 1967 से चुनाव में भाग ले रहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) : घड़ी
राकांपा का चुनाव चिह्न एक नीले रंग की रेखीय घड़ी है, जिसमें नीचे दो पाए तथा ऊपर अलार्म बटन है। घड़ी के दो कांटे 10 बजकर 10 मिनट का समय दर्शा रहे हैं। यह चिह्न इंगित करता है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत क्यों न हों, राकांपा अपने सिद्धांतों के लिए दृढ़ता से लड़ती है।
समाजवादी पार्टी (सपा) : साइकिल
समाजवादी पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल है। आमतौर पर यह लाल और हरे रंग के पार्टी के झंडे पर बनाई जाती है।
बीजू जनता दल (बीजद) : शंख
बीजू जनता दल के लिए चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत चुनाव चिह्न बायीं ओर मुड़ा हुआ शंख है। बहुसंख्य लोग खुद को शंख से जुड़ा हुआ पाते हैं। शंख प्राचीन भारतीय परंपरा का प्रतीक है।
जनता दल (यूनाइटेड) : तीर
जनता दल (यूनाइटेड) के लिए चुनाव आयोग द्वारा 'तीर' का निशान स्वीकृत किया गया है। यह चिह्न अविभाजित जनता दल का था। यह तीर हरे और सफेद रंग के बीच बनी सफेद पट्टी पर बना हुआ है। वास्तव में यह ध्वज जॉर्ज फर्नांडीज़ की समता पार्टीका था। '
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस : दो फूल
चुनाव आयोग द्वारा अ.भा.तृणमूल कांग्रेस का स्वीकृत चुनाव चिह्न 'दो फूल' हैं। इस चुनाव चिह्न में राष्ट्रीय ध्वज के सभी रंग हैं।
जनता दल (सेक्युलर) : जेडी (एस)
जनता दल (एस) के लिए स्वीकृत चिह्न में 'अपने सिर पर धान रखकर ले जाती एक कृषक महिला' है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) : लालटेन
लालू प्रसाद यादव की राजद का चुनाव चिह्न 'लालटेन' है। लालटेन आत्मज्ञान का, साक्षरता की ओर प्रगति का और प्रकाश का प्रतीक है।
शिवसेना : तीर-कमान
शिवसेना का चुनाव चिह्न 'तीर-कमान' है। आमतौर पर यह पार्टी के केसरिया रंग के ध्वज पर इस्तेमाल किया जाता है। केसरिया रंग हिन्दुत्व का प्रतीक है। साथ ही यह रंग पार्टी की मजबूत हिन्दू राष्ट्रवादी भावना की ओर भी संकेत करता है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) : रेलवे इंजन
मनसे का चुनाव चिह्न दाईं ओर जाता हुआ 'रेलवे का भाप इंजन' है। पार्टी इसका इस्तेमाल तीन रंग के झंडे पर करती है, जिस पर दो सफेद पट्टियां भी हैं। झंडे में शीर्ष पर गहरा चमकदार नीला रंग, फिर सफेद पट्टी, फिर केसरिया रंग के बाद सफेद पट्टी और फिर हरा रंग है।
आम आदमी पार्टी (आप) : झाड़ू
आम आदमी पार्टी (आप) का चुनाव चिह्न 'झाड़ू' है। भ्रष्टाचार मिटाने के उद्देश्य से अस्तित्व में आई इस पार्टी का मानना है कि चुनाव चिह्न झाड़ू के मुताबिक देश में फैले हर प्रकार के भ्रष्टाचार की सफाई करना है।
इससे पूर्व भी राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह को लेकर वाद विवाद होते रहे है और अय्योग उस पर यथोचित निर्णय लेता भी रहा है। इस बार अश्वनि उपाध्याय ने जो तर्क प्रस्तुत किया है निश्चजित ही बल वाला है क्योंकि आयोग कदाचित इस आशय का निर्देश न दे सके कि मतदान स्थल पर जाते समय कोई भी अपने हाथ का प्रयोग नही कर सकेगा। निष्पक्षता की दृष्टि से आयोग को समुचित निर्णय लेना होगा।अय्योग जो भी निर्णय लेगा उसे पार्टियो को स्वीकार भी करना होगा।
भाजपा ने चुनाव आयोग से कांग्रेस के चुनाव चिन्ह 'पंजा' को निरस्त करने की मांग की है। इस संबंध ने दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की है। छह पेज वाली इस याचिका में कहा गया है कि चुनाव के दिन मतदान केंद्र पर 100 मीटर की दूरी तक चुनाव चिन्ह का प्रदर्शन जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 130 और चुनाव आचार संहिता के नियम चार का उल्लंघन है। इसलिए कांग्रेस का चुनाव चिन्ह 'हाथ का पंजा' रद किया जाना चाहिए।
अश्विनी का तर्क है कि किसी भी राजनीतिक दलको मनुष्य के किसी भी अंग के चित्र को चुनाव चिन्ह के तौर पर आवंटित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कल सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से मुलाकात भी की। अश्विनी का कहना है कि इस संबंध में यदि उन्हें सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा तो वहां भी जाएंगे।
अर्जी में दलील दी गई है कि 'हाथ का पंजा' मानव अंग है। इसका प्रदर्शन चुनाव के दिन मतदान से पहले और बाद में, मतदान केंद्र से 100 मीटर के अंदर और बाहर अक्सर किया जाता है। इससे किसी खास पार्टी के चुनाव चिन्ह का प्रदर्शन होता है।
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